उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन कर सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को भगवान बिरसा मुंडा जी की जयंती पर रेंजर्स ग्राउण्ड, देहरादून में आयोजित आदि गौरव महोत्सव में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा जी को कोटि-कोटि नमन कर सभी को जनजातीय गौरव दिवस की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा जी संघर्ष, स्वाभिमान और संगठित शक्ति के प्रतीक थे। जब तक समाज की सबसे कमजोर कड़ी मजबूत नहीं होगी, तब तक देश वास्तविक रूप से मजबूत नहीं हो सकता। आदि गौरव महोत्सव केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनजातीय समाज की गौरवशाली परंपराओं, वीरता, संस्कृति और आस्था का उत्सव है। ऐसे आयोजन जनजातीय कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मंच प्रदान करते हैं तथा समाज के अन्य वर्गों को जनजातीय समुदाय की समृद्ध कला और संस्कृति से परिचित कराते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार जनजातीय समाज के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए निरंतर कार्य कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा जनजातीय बजट को तीन गुना तक बढ़ाना, जनजातीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत उत्तराखण्ड के 128 जनजातीय गांवों को चिह्नित किया गया है, जहां आधारभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका को बढ़ावा देने की दिशा में विशेष कार्य किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी साझा की| उन्होंने बताया कि प्रदेश में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय कालसी, मेहरावना, बाजपुर व खटीमा में संचालित हैं, पिथौरागढ़ जिले में भोटिया तथा राजी जनजाति हेतु नया एकलव्य विद्यालय खोलने को केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। प्राथमिक से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति योजना से हजारों जनजातीय छात्र लाभान्वित हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 16 राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय भी प्रदेश में संचालित हैं | शिक्षित बेरोजगार युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देने के लिए तीन आईटीआई कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग व छात्रवृत्ति, जनजातीय समाज की बेटियों के विवाह के लिए ₹50,000 का अनुदान, जनजातीय कला, संस्कृति व खेलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य जनजाति महोत्सव व खेल महोत्सव का नियमित आयोजन एवं जनजातीय शोध संस्थान के लिए ₹1 करोड़ के कॉर्पस फंड की व्यवस्था है| ये सभी प्रयास जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ने और उनके आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। यह दिवस केवल भगवान बिरसा मुंडा जी के योगदान को याद करने का ही नहीं, बल्कि जनजातीय संस्कृति और इतिहास को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का भी अवसर है। प्रदेश सरकार इस महोत्सव के आयोजन हेतु ₹50 लाख की वित्तीय सहायता प्रदान करती है ताकि जनजातीय संस्कृति का संरक्षण और विस्तार सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा “मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड के आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर संकल्पित है। हम ‘विकल्प रहित संकल्प’ के साथ उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील हैं।”
कार्यक्रम में देश भर और राज्य के विभिन्न जनजातीय सांस्कृतिक समूहों ने अपनी प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, सचिव एवं अपर सचिव समाज कल्याण व विभाग के अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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