भारत ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक वापसी का जश्न मनाया

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को एक्सिओम-4 अंतरिक्ष मिशन से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सुरक्षित वापसी को ‘दुनिया के लिए गर्व का क्षण, भारत के लिए वैभव का क्षण’ करार देते हुए कहा कि देश ने वैश्विक अंतरिक्ष पारिस्थितिकी में अपनी सही जगह प्राप्त कर ली है।
उन्होंने उनकी लाइव वापसी देखने के बाद वैज्ञानिकों, मीडियाकर्मियों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “भारत माता का एक महान सपूत वापस लौट आया है। भारत ने अंतरिक्ष की दुनिया में एक स्थायी जगह बनाया है।”
ग्रुप कैप्टन शुक्ला, भारतीय अंतरिक्ष यात्री और चार लोगों के एक्सिओम-4 वाणिज्यिक मिशन के मुख्य सदस्य, मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर तीन बजे के तुरंत बाद प्रशांत महासागर में सैन डिएगो के तट के समीप स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ में पृथ्वी पर वापस लौटे। यह अंतरिक्ष यान अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिनों तक रहने के बाद 22.5 घंटे की यात्रा कर पृथ्वी पर वापस लौटा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह मिशन भारत की वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में बढ़ते कद को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “ये ऐसे प्रयोग हैं जो पहले कभी नहीं हुए। यह भारत की वैज्ञानिक एवं तकनीकी महत्वाकांक्षाओं के लिए एक नए युग की शुरुआत है।” उन्होंने कहा कि मिशन की सफलता का मानवता पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा।
एक्सिओम-4 के चालक दल में अनुभवी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और मिशन कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड की स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की, हंगरी के टिबोर कापू और भारत के शुभांशु शुक्ला शामिल थे। यह अंतरिक्ष यान सोमवार को भारतीय समयानुसार शाम 4:45 बजे आईएसएस से अलग हुआ।
अगले कदमों की जानकारी देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि चारों अंतरिक्ष यात्री 23 जुलाई तक क्वारंटाइन में रहेंगे ताकि चिकित्सा एवं पुनः अनुकूलन प्रक्रियाएं पूरी हो सकें। उन्होंने कहा कि 24 जुलाई से वे इसरो के साथ चर्चा शुरू करेंगे, जिसके बाद एक्सिओम और नासा के साथ डीब्रीफिंग होगी।
प्रधामंत्री नरेन्द्र मोदी के वैश्विक दृष्टिकोण वसुधैव कुटुम्बकम (दुनिया एक परिवार है) का उल्लेख करते हुए, डॉ. सिंह ने कहा कि यह मिशन भारत की वैश्विक वैज्ञानिक सहयोग की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष यात्री को एक सच्चे विश्व बंधु कहा, एक वैश्विक नागरिक जिसने अंतरिक्ष में सार्वभौमिक भाईचारे की भावना को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक वैज्ञानिक मिशन नहीं है बल्कि यह मानवता की साझा यात्रा में भारत की एक विश्वसनीय साझेदार की भूमिका को प्रतिबिंबित करता है।”
डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी संकेत दिया कि मिशन पूरा होने के बाद के प्रोटोकॉल एवं विदेश में चर्चा पूरी करने के बाद श्री शुक्ला 17 अगस्त के आसपास भारत लौट आएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने सुरक्षित वापसी को एक वैज्ञानिक एवं प्रतीकात्मक उपलब्धि बताते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंतरिक्ष की ओर देखने और बड़े सपने देखने का आह्वान साकार होने लगा है। यह सफल मिशन केवल एक शुरुआत है और यह देशवासियों की नई पीढ़ी को विज्ञान एवं अंतरिक्ष में करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगा।”
भारत की वैश्विक मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रमों में बढ़ती भूमिका, जिसमें आगामी गगनयान मिशन शामिल है, श्री शुक्ला की एक्सिओम-4 में भागीदारी से और ज्यादा सशक्त होती है। भारत के लिए यह वापसी एक अंतरिक्ष मिशन की समाप्ति से कहीं अधिक है और यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग के भविष्य में एक आत्मविश्वासपूर्ण कदम है।